सौदागर



शब्दों का सौदागर हूं,
बातों में फंसा भी सकता था।

और काव्य कार,
नगमा वफा गा भी सकता था।।

मगर मैं ऐसा कर ना सका,
कर सकता था,


किताबों के बदले गुलाब,
वे सब झूठे हसीन ख्वाब,
मिस यूनिवर्स का खिताब,

मैं कभी दे ना सका,
दे सकता था
प्रेम के जाल में फसा सकता था 

✍️-sury

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