सिलशिला शादियों के दौर ♡✍️
शुरू हो चुका है सिलसिला साथियों के दौर काअब फिर से खरीदी जाएगी मोहब्बत किसी और काभले ही वादा किया होगा तुमनेआंगन पर तेरे बरात मेरी ही आएगीजानम घर पर मेरे डोली तेरे ही आएगीअबे झूठे होंगे वादे वो कसमें सारी की सारीना डोली तू उसकी घर लाएगा ना बारात तेरी उसके घर जाएगीजो वादे निभाएगी उसे बच्चलन कहेंगे लोगजो पिता का मान रखेगी उसे बेवफा कहेंगे लोगअगर मर भी गया कोई गम ए आशिकी मेंइश्क की ना कद्र होगी सिरफिरा था मर गया कहेंगे लोगआ रहा है गर्मियों का मौसम ,तेरे इश्क का दरिया भी सूखेगामेले में दिए जो तोहफे तेरे नाम के वह लॉकेट भी टूटेगाउम्र भर साथ रहने की जो खाई थी कसमें खुदा से तुमने,वह कसमें भी टूटेगी और तुम्हारा साथ भी छूटेगा
इश्क़ करने से पहले दौलत कमा लेना दोस्त

sury.3_
Writer
शायरी करना शौक नहीं मजबूरी है मेरी ।