प्रतिभा का अंत
" सुरक्षा का सारा आयोजन व्यक्ति की
आंतरिक प्रतिभाओं का गला घोटना है "
That's means
व्यक्ति ठोकरों सें सीखता है. जल-जल कर निखरता है
मिट-मिट कर जीता है. नये रास्तों मे चलता है
रिस्क लेता है तो ही अपनी परिपूर्ण आत्मा को पाता है
खतरो के डर से सुरक्षा का आयोजन व्यर्थ है!
व्यक्ति स्वयं सुरक्षा का इंतजाम करता है तो आत्महत्या है
किसी द्वारा आरोपित की जाती है सुरक्षा तो कत्ल करना है
sury.3_
Writer
शायरी करना शौक नहीं मजबूरी है मेरी ।