मेरी ग्वालीन
यूँजान देने की बात मत किया करो दोस्तो ,
तुम्हारी जान नही मेरी जानेमन चाहीए मुझे ।।
यार यहाँ गोपियो की तो कमी नही है मुझे
रूखमणी तो घर वाले दिलाऐगे ही मुझे ।।
यार दिला सकते हो तो "राधा " दिला दो मुझे
आनलाईन क्यूँमिलाते हो मुझे गैरो से ।
ऊँब चुका हूँतुम्हारे भेजे तस्वीरो से ।।
फिक्र इतनी है मेरी तुम्हे तो दोस्तो ,
एक बार मिला दो मुझे मेरी राधा से ।।।।
तुम्हारा दोस्त हूँयार,
कुछ तो लिहाज किया करो ।
तुम मेरी मोहब्बत का यूँ ,
मजाक ना उढा़या करो ।
कृष्णा तो कई रंगो से रंगे थे,
मे वैसा नही कुछ तो समझा करो ।
यकीन है मेरे। दिल को यार ,
भरोसा मुझे तुम भी दिलाया करो ।

sury.3_
Writer
शायरी करना शौक नहीं मजबूरी है मेरी ।