अब नसीब की बात नही होगी



 लोग फिर आ गय टूटता घर देखने आज एक गरीब की ।


कमाल है शराफत ने ही जान ले ली आज एक शरीफ की ।


तुम्हे हँसना है मुझ पर तो हँस लो ,


हालात जो हो गय है आज मेरी अजीब सी।


किस्मत पर भरोशा करना मुझे महगा पड़ गया

 

छोड़ दिया बात करना आज से नसीब की ।


                                                     -रेति का रवि

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