इश्क़ औकात मे रहकर की हैं।

 


एक तरफा ही सही,

इश्क मेंने लाजवाब की हैं।


समझदार है दिल मेरा जिद,

 चाँद को पाने की नही की हैं ।


समझोता प्यार मे मुझे नही आता,

मोहब्बत मेने औकात मे रहकर की हैं।

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