डर है मुझे
लगता है मेरे कुछ अरमान अधुरे ही रह जायगे।
किसी का छूटेगा साथ कोई खास बिछड़ जायगे।
कभी हालात से तो कभी वक्त के आगे हार जायगे।
कहानी मेरे प्यार की ओरो की तरह दफ्न हो जायगे।
जिसकी खामोसी देखकर आँख मे पानी आ जाते है,
डर है उसे न पाके इसी पानी मे डूबकर तो नही मर जायगे।
जिसे सुनाने के लिए मे लिखता रहता हूँ "शायरी"
शायद वे सब अब डायरी के पन्नो मे ही रह जायगे।
जिसे मागता रहता हूँ दुँआओ मे उस खुदा से,
डर है किसी को वो बिन मागे ही ना मिल जायगे।

sury.3_
Writer
शायरी करना शौक नहीं मजबूरी है मेरी ।