लोग फिर आ गय टूटता घर देखने आज एक गरीब की ।
कमाल है शराफत ने ही जान ले ली आज एक शरीफ की ।
तुम्हे हँसना है मुझ पर तो हँस लो ,
हालात जो हो गय है आज मेरी अजीब सी।
किस्मत पर भरोशा करना मुझे महगा पड़ गया
छोड़ दिया बात करना आज से नसीब की ।
-रेति का रवि
posted by sury.3_ @ 3/20/2023 09:21:00 AM 0 Comments
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Writer शायरी करना शौक नहीं मजबूरी है मेरी ।
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