मोहब्बत ऐसी करनी हैं ।

 


न ही मुझे बाबू ओर न ही शोना कहनी है ।

मोहब्बत तो है उनसे पर इजहार नही करनी है ।

थोड़ी सी और हिम्मत जुटा के शादी ही करनी है। 

हवस के इस दौर मे मुझे मोहब्बत ऐसी करनी है।

पहली बार हाथ मे तब ही लगाऊ उसे ,.........

जब मुझे उसकी माथे मे मांग भरनी है ।

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