देखना कभी इन आंखो में
मैंने भी पढ़ा हूं जिन्दगी जीने की किताबे
लोग सारी उम्र भर देखते रहते है ख्वाबे
नींदो मे ही अच्छी लगती है ये ख्वाबे
अलग ही दुनिया बना लेती है ये ख्वाबे
धौका ये दुनिया ओर देती है ख्वाबे
पूछना कभी इन आँखो से,
सारी हकीकत कहती है ये आँखे
कभी- कभी आँसू पी जाती है ये आँखे
किसी की याद मे भीग जाती है ये आँखे
झील सी निगाहो मे मार जाती हैं ये आँखे
देखना कभी इन आँखो मे,
सारी हकीकत दिखाती है ये आँखे
sury.3_
Writer
शायरी करना शौक नहीं मजबूरी है मेरी ।