But Why?
❓
हम सब परमात्मा की संतान है, ऐसा कहने वाला ये समाज,
किसी के जन्म लेने पर और किसी की मृत्यु हो जाने पर कुछ दिन का परहेज रखते हैं।
आखिरी क्यों ❓
एक तरफ कहते हो बच्चे परमात्मा स्वरूप होते हैं ।और उन्हीं से परहेज! घर आय मेहमानों का स्वागत करो गीत गाओ गले मिलो । जो चला गया जी लिया होगा बहुत दिन अंतिम बिदाई दो चाहे तो शोक मनाओ दुख प्रकट करो ।कहो तेरे बिना अब तो अधूरा हूँ ।
पर ये परहेज, ये दूरीया आखिरी क्यों❓
ये सब मानने वाले वही लोग हैं जिन्होंने मुझे अधार्मिक /नास्तिक कहा।
मैंने तो सिर्फ ऐसी रूढ़ियों को कुरीतियों को अस्वीकारा है
न की इश्वर के अस्तित्व को नकारा हैँ

sury.3_
Writer
शायरी करना शौक नहीं मजबूरी है मेरी ।