किससे पूछू हैं ऐसा क्यूँ ❓

 

जिंदगी देने वाले सुन मेरा दुनिया से जी भर गया हैं।
इसका मतलब यह नहीं है की यहां पर मे यातनाएं सह रहा हूँ
दुख तकलीफ सह रहा हूंँ चाह जीने की तो बहुत है जिंदगी से नहीं ऊबा हूँ में यहा पर जो आनंद के जो स्रोत है उनसे अब आनंद नहीं मिलता जो आया जी मे वही तो कर रहा हूँ पता नहीं वह कैसी संगीत की धुन हैं जिसे में सुनने को बेताब हूँ हल्की-हल्की सी धुन कानो में बजती हैं पर स्पष्ट नहीं सुन पाता ऐसा लगता हैं कभी तो सुना हूँ  नाचने को मन करता हैं गीत गाने का मन करता हैं न जाने वह कैसी धुन है जिसे मेने गाया हूँ उस पर नाचा हूँ झूमा हूँ रोया हूँ ऐसा लगता हैं में हल्का हो चुका हूँ बस उड़ने ही वाला हूँ  पर याद नहीं आ रही ऐसा लगता हैं बस वह मिल जाए और सारी माग खत्म
ऐसा अहसास अचानक कभी भी आ जाता है चलते-फिरते उठते-बैठते काम करते हुऐ  फिर सब व्यर्थ लगने लगता हैं
कहीं ऐ पागलो वाले लक्षण तो नहीं है
कही मे पागल तो नहीं हो जाउंगा

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