वक्त
" एक जमाना था जब,
पैसा पुरुष के हाथो का मेल था ।
अब तो स्त्री की खूबसूरती भी पुरुष के हाथो का मेल हो गई है
" एक जमाना था जब,
पैसा पुरुष के हाथो का मेल था ।
अब तो स्त्री की खूबसूरती भी पुरुष के हाथो का मेल हो गई है
sury.3_
Writer
शायरी करना शौक नहीं मजबूरी है मेरी ।