नाकामयाबी का राज
आसमां की बुलंदीयो को तो हम भी छू सकते हैं ।
जिंदगी में अपनी कामयाब तो हम भी हो सकते हैं ।।
क्या ही बताऊँ मेरी ना कामयाबी का राज।
चलो खुलासा कर ही देता हूँ यारो मैं आज।।
में सूर्य तो हूँ पर मेरे पास रोशनी नहीं हैं ।
इस हंस के पास उसकी हंसिनी नहीं हैं ।
हर इंसान के पीछे जो औरत का हाथ होता हैं ,
बस वो ही हाथ मेरे पास ही नहीं हैं ।।
तो कामयाब मे कैसे हो सकता हूँ।
उन बुलंदीयो को कैसे छू सकता हूँ ।

sury.3_
Writer
शायरी करना शौक नहीं मजबूरी है मेरी ।