तुम भी बता दो ना
क्यो सरमाते हो मुझसे, चाँद सा मुखड़ा दिखा दो ना
क्यो चुप से बैठे हो तुम ,मेरे लिए थोड़ा सा मुस्कुरा दो ना
मुझसे नहीं सुना ओर कहा जाता हैं अब"आप"ओर"तुम"
इन शब्दो की दूरियां मिटाकर एक बार "हम" कह दो ना
रोज बाते मेरी तुम सुनते हो ,कभी थोड़ा अपनी भी सुना दो ना
मे तुमसे बहुत प्यार करता हूँ, यूँ ही तुम भी एक बार कह दो ना
बात दिल की मेने तुम्हे बता दिया, अब तुम भी बता दो ना
अच्छी बात नही हैं बाते छुपाना,थोड़ा वक्त लेलो पर बता दो ना

sury.3_
Writer
शायरी करना शौक नहीं मजबूरी है मेरी ।